Writer- Rajneesh K Saxena


UP News; उत्तर प्रदेश किसी जमाने में देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता था. वही राज्य आज पूरे देश को आइना दिखा रहा है. जातिवाद हो या धार्मिक उन्माद सब पर योगी सरकार ने लगाम लगा दिया है. आज स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश में सभी को अपने धर्म का पालन करने की आजादी तो है, लेकिन उसके किसी दूसरे को परेशानी ना हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

इसीलिए प्रदेश में शांति पूर्ण ढंग से मंदिर-मस्जिद से लाउडस्पीकर उतारे जा रहे है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नमाजियों से ईद की नमाज ईदगाह और मस्जिद के अंदर ही पढ़ने की अपील की है. कई प्रमुख धर्म गुरुओं ने सड़क पर नमाज न अदा करने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे और लोगों को परेशानी होती है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सब बहुत शांतिपूर्वक तरीके से हो रहा है.

लाउडस्पीकर की आवाज़ ठप-

बसरते, जब देश के कुछ हिस्सों में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद जारी है, तब उत्तर प्रदेश में उन्हें हटाने और उनकी आवाज नियंत्रित करने का काम काफी शांतिपूर्ण ढ़ग से हो रहा है. यह काम वही मुख्यमंत्री कर रहा है जिसके ऊपर हमेशा हिंदूवादी होने का आरोप लगता रहा है, लेकिन लाउडस्पीकर के मामले पर क्या हिंदू और क्या मुसलमान सभी योगी की वाहवाही कर रहे है. कही कोई टकराव नही है और कही कोई विरोध करते नही दिख रहा है.


सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला-

लाउडस्पीकर हटाए जाने के आदेश को कई राज्य सरकारें लागू करने में आनाकानी कर रही है. उसे देखते हुए उचित यही होगा कि सुप्रीम कोर्ट सभी राज्यों को साल 2005 के पारित आदेश का पालन करने का निर्देश दे. क्योंकि महाराष्ट्र जैसे कुछ अन्य राज्य यह कहकर पल्ला झाड़ रहे है कि केंद्र सरकार को इस मामलें में कानून बनाना चाहिए.

लाउडस्पीकर किसी धर्म और मज़हब को नही मानता-

किसी धर्म के अनुसार लाउडस्पीकर को मानता नही मिली है. बल्कि ऐसी इबादत से कोई फायदा नहीं जिससे दूसरा परेशान हो. अच्छा हुआ कि योगी सरकार द्वारा यह फरमान जारी कर दिया है कि आगे से लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति किसी को भी नही दी जाएगी. लाउडस्पीकर को लेकर विवाद के बीच कुछ लोग यह कह रहे है कि कुछ विशेष अवसरों पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने की छूट मिलना चाहिए.