UP Cabinet Meeting: उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में कल जैव ऊर्जा नीति समेत कुल 20 प्रस्तावो को पास किया गया हैं। तो वहीं कैबिनेट ने मुजफ्फरनगर और गोंडा की कटरा बाजार नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार को भी हरी झंडी दे दी हैं। तो जैव ऊर्जा नीति को मंजूर कर लिया गया है। पांच साल की इस नीति में सब्सिडी देंगे। सरकार सभी जिलों में बायो फ्यूल प्लांट लगाने के लिये आवेदन मांगेगी। इकाइयों की स्थापना में जमीन की बाधा आड़े न आए, इसके लिए एक रुपये प्रति एकड़ के टोकन लीज रेंट पर अधिकतम तीस वर्ष के लिए जमीन उपलब्ध करायी जाएगी। जिसके लिए ईकाईयो को 20 करोड़ का अनुदान दिया गया हैं।

यूपी की कैबिनेट में जैव ऊर्जा की नई नीति लागू-

ऊर्जा विभाग के अंतर्गत जैव ऊर्जा के संबंध में एक विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी हैं। इसके तहत 5 वर्ष में होने वाली जैव ऊर्जा परियोजना के अंतर्गत बायोगैस बायोकॉन बायोडाटा भारत सरकार की उत्पादन योजना पर इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम-2018 लागू किया गया था। योगी सरकार ने इस नीति के तहत अब तक 14 जैव ऊर्जा इकाइयों को स्वीकृति पत्र जारी किए गए, जिनमें से तीन इकाइयां पूरी हो चुकी हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने जैव ऊर्जा परियोजनाओं (कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल, बायोइथानाल और बायोडीजल) को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति बनाई हैं। एमएसएमई नीति के तहत ग्राम सभाओं की जमीन लेकर एमएसएमई यूनिट लगेंगी। एक्सप्रेस वे के पांच किलोमीटर में 5 एकड़ जमीन पर एमएसएमई क्लस्टर बनाया जाएगा। अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के माध्यम से उपलब्धता के अनुसार ग्राम समाज, राजस्व भूमि और चीनी मिल परिसरों में उपलब्ध रिक्त भूमि का जैव ऊर्जा उद्यम स्थापना और बायोमास भंडारण के लिए आवंटन किया जाएगा।

इससे किसानों की आय में वृद्धि - खेतों में ही पराली जलाने की समस्या का समाधान- वायु प्रदूषण में कमी- रोजगार का सृजन- प्रदेश में 5500 करोड़ रुपये का निवेश - आयातित कच्चे तेल तथा पेट्रोलियम गैस पर निर्भरता कम और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।

कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांटस लक्षित क्षमता -1000 टन प्रतिदिन व्यय भार- 750 करोड़ रुपये- बायोकोल प्लांटस लक्षित क्षमता - 4000 टन प्रतिदिन व्यय भार - 30 करोड़ रुपये- बायो एथनाल एवं बायो डीजल प्लांट लक्षित क्षमता - 2000 किलोलीटर प्रतिदिन व्यय भार - 60 करोड़ रुपये- बायोमास के संग्रहण के लिए रेकर, बेलर, ट्रालर पर अतिरिक्त अनुदान फार्म मशीनरी उपकरण यूनिट की संख्या - 500 व्यय भार - 100 करोड़ रुपये- 50 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए एप्रोच रोड का निर्माण व्यय भार - 200 किमी के लिए 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया हैं।

अयोध्या में मुफ्त भूमि-

अयोध्या में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के लिए 10 एकड़ नजूल भूमि नगर विकास विभाग को मुफ्त में भूमि प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार अयोध्या को धार्मिक नगरी के रूप में विकसित कर रही हैं। यहाँ पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से सीवर की बेहतर व्यवस्था करने के लिए एसटीपी का निर्माण किया जाना हैं।