Brahmani Mata Mandir Story in Hindi: उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद के प्रमुख स्थलों में ,कालका देवी लखना ,काली वाहन इटावा, और ब्रह्माणी देवी जसवंत नगर की ब्रह्माणी मैया का चमत्कारी मंदिर स्थित हैं। इस मंदिर की महिमा दूर-दूर तक प्रचलित हैं। लाखों भक्त यमुना के बीहड़ों में विराजमान देवी के दर्शन करने के लिए झंडे घंटे और प्रसादी लेकर जाते हैं। अष्टमी व नवमी के दिन यहाँ बड़ी तादाद में भक्तो की भीड़ होती हैं। यह मंदिर सैकड़ो साल पुराना बताया जाता हैं।

कैसे जाए ब्रह्माणी देवी मंदिर-

ब्रह्माणी मैया का विहंगम मंदिर रेलवे के बलरई स्टेशन से उत्तर दिशा में 6 किलोमीटर दूर यमुना की तलहटी और ऊंचे खारों में स्थित है। यह इटावा मुख्यालय से करीब 32 किमी दूर स्थित देवी मैया के इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 20-25 साल पहले मुलायम सिंह यादव ने अपने शासन काल मे पक्की सड़क का निर्माण कराया था। राजमाता शिरोमणि देवी ने संवत 2012 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था।

ब्रह्माणी देवी की कहानी-

बताया जाता हैं कि भदावर स्टेट के राजा मानसिंह के लंबे समय तक जब कोई संतान नहीं हुई, तो उन्होंने देवी ब्रह्माणी की आराधना की थी। तभी उन्हें राजा रिपुदमन सिंह पुत्र के रूप में देवी के वरदान दिया था। ऐसा भी कहा जाता हैं कि डैकेतो के समय में मंदिर में पुलिस को चुनौती देने के बाद माथा टेकने आते थे तब यहाँ पर घंटियों की जगह गोलियों की आवाज सुनायी देती थी। ऐसा कहा जाता हैं कि नवदुर्गा मंदिर पर झंडा चढ़ाने और देवी आराधना के लिए पूर्व बागी डाकू मानसिंह ,माधो सिंह, तहसीलदार सिंह, मोहर सिंह, मलखान सिंह ,फूलन देवी, छविराम सिंह यहाँ पुलिस की कड़े पहरे होने के बावजूद भी भेष बदलकर माता के दर्शन के लिए अवश्य आते थे।

ऐसा कहा जाता हैं कि ब्रह्माणी का बीहड़ सदैव से ही बागियों के लिए सबसे सुरक्षित शरण स्थल रहा हैं। इस मंदिर के सकरे भवन में विराजमान देवी ब्रह्माणी की मूर्ति के दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं। मंदिर परिसर में जलने वाली धूप और दीपको के कारण दर्शन और भी दुर्लभ हैं। सैकड़ो की तादाद में यहाँ झंडा लेकर लोग माँ को लोग चढ़ाने आते हैं। यह बहुत-ही चमत्कारी मंदिर हैं। दूर-दूर से लोग यहाँ दर्शन करने आते हैं।