UP News: उत्तर प्रदेश में इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) का 81वां अधिवेशन 8 से 11 अक्टूबर तक होगा। 11 साल बाद यूपी की मेजबानी में होने वाले आयोजन में देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स इस आयोजन में शामिल होगे। इस अधिवेशन 1934 में शुरू हुआ था। यूपी पाँचवी बार इस अधिवेशन की मेजबानी करेगा। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शाम 4 बजे केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) शुभारंग करेगे।

यूपी पाँचवी बार करेगा इसकी मेजबानी-

आईआरसी का प्रथम अधिवेशन दिसंबर 1934 में दिल्ली में हुआ था. वर्ष 1937, 1985, 1995 और 2011 में यूपी इसकी मेजबानी कर चुका हैं। यह पाँचवी बार होगा जब यूपी इस अधिवेशन की मेजबानी करेगा। अधिवेशन में 19 सत्र होंगे. इसमें एक सत्र यूपी का भी होगा, जिसमें अपने श्रेष्ठ कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। सड़क निर्माण की नई तकनीकों, इंफ्रास्ट्रक्चर, अच्छी, किफायती, टिकाऊ और सुरक्षित सड़कों जैसे विषयों के लिए यह काफी कारगर साबित होगा। दर्शनी में 180 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसमें विभिन्न कंपनियों की ओर से सड़क निर्माण में काम आने वाले उपकरण, मशीनरी, मटेरियल और नई तकनीक से जुड़ी जानकारियां दी जाएगी।

एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए सूबे की कला और शिल्पकारों के हुनर से भी आगंतुक अवगत कराया जाएगा। इसमें सास्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन कराया जाएगा। यह अधिवेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता हैं। इसके अलावा राष्ट्र स्तर पर 16 समितियों में यूपी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को सदस्य के रूप में चुना गया हैं।

यूपी के भी 200 डेलीगेट्स हिस्सा लेगे-

इस आयोजन में यूपी के भी 200 डेलीगेट्स हिस्सा लेगे। अधिवेशन पूरा हो जाने के बाद प्रतिभागियों को अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन आदि स्थानों पर भ्रमण कराकर यहां के अध्यात्म और सांस्कृतिक पहलुओं से भी अवगत कराए जाने का काम किया जाएगा। यूपी के मुख्यमंत्री ने 2027 तक यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़क का विशेष योगदान हैं। इस अधिवेशन में एफडीआर जैसी तकनीकी विषयों पर कोड्स लाया जाएगा, जिससे यूपी को बहुत लाभ मिलेगा।