यूपी में दंड प्रक्रिया संहिता विधेयक 2022 पास ,अब रेप और पॉक्सो एक्ट के अपराधाें में नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत
UP News: योगी सरकार ने महिलाओं के विरूद्ध बलात्कार और बच्चों के विरूद्ध यौन हमलों के घृणित अपराधों के प्रति वर्तमान कानून को लेक और कड़े कदम उठाऐ हैं। आपको बता दे कि अब यूपी में दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट से सम्बन्धित अपराध की धाराओं में संशोधन कर अपराधियों की अग्रिम जमानत की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया हैं। अब इन केसो में अपराधियों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। इसके लिए यूपी विधानसभा में 2018 में संशोधन करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2022 के माध्यम से कार्यवाही की गयी हैं।
दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम, 2018 में संशोधन के माध्यम से धारा-438 की उपधारा-6 में उपखण्ड-5 के माध्यम से पाॅक्सों अधिनियम, 2012 तथा उपधारा-6 में उपखण्ड-सी के माध्यम से भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376, 376ए, 376एबी, 376बी, 376सी, 376डी, 376डीए, 376डीबी, 376ई को सम्मिलित करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम में संसोधन किया गया हैंं। दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन), 2018 द्वारा अंतः स्थापित की गयी धारा 438 की उपधारा 6 में अग्रिम जमानत के अपवादों में पाॅक्सो अधिनियम 2012 के अपराधों तथा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में वर्णित बलात्कार से संबंधित समस्त अभियोगों के तहत अग्रिम जमानत संबंधी धारा 438 मे उक्त आशय का संशोधन प्रस्तावित किया गया हैं।
भारत में बच्चों के विरूद्ध (भादवि व अधिनियम शीर्षक) के अन्तर्गत 149404 अपराध घटित हुए हैं। तो यूपी की यह संख्या 16838 है। इस अपराध शीर्षक में भी सम्पूर्ण भारत के क्राइम रेट 33.6 की अपेक्षा यूपी का क्राइम रेट 19.7 है, जो देश में 28वें स्थान पर है। तो वही 2021 के आकड़ो के अनुसार यूपी में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधो की संख्या 56,083 है। पूरे देश का क्राइम रेट 64.5 रहा वहीं यूपी में ये घटकर 50.5 रहा, जो देश में 16वें स्थान पर है।