UP News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मूसाबाग पैलेस इलाके के पास ऐसी मज़ार है जिसमें चादर नहीं सिगरेट का चढ़ावा जाता हैं। बता दे कि , मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक, इस मजार पर जो भी शख्स अपनी समस्याओं को लेकर आता है, उसे बाबा के दरबार में सिगरेट चढ़ानी होती हैं। इस मजार को वेल्स बाबा के नाम से भी जाना जाता हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि वहाँ के आस-पास के इलाके से भी लोग अपनी मुराद लेकर आते हैं और पूरी होने पर सिगरेट चढ़ाते हैं।

किसकी हैं ये मजार-

रिपोर्ट के अनुसार ये मजार वेल्स नाम के एक क्रिश्चियन कैप्टन फ्रेड्रिक वेल्स की है, जोकि अंग्रेजी सेना में थे. इस मजार पर हिन्दू और मुस्लिम समेत सभी धर्मों के लोग आते हैं। और अपनी-अपनी मुरादे मांगते हैं। इस मजार में वेल्स को लोग सिगरेट वाले बाबा कहकर पुकारते हैं। जिनकी मुराद पूरी हो जाती हैं वो सिगरेट चढ़ाते हैं। बता दे कि ये बाबा कि यह कब्र लखनऊ के मूसाबाग में है जो पहले खंडहर थी।

कौन हैं कैप्टन फ्रेड्रिक वेल्स-

बता दे कि राजधानी लखनऊ के मूसाबाग इलाके में आजादी के पहले अंग्रेज रहा करते थे। तो वहीं, 21 मार्च 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज सैनिकों और भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बीच में भयंकर गोलाबारी हुई थी। जिसमें अंग्रेज सैनिको की तो जीत हुई थी। लेकिन उसी में एक इमारत पूरी तरह नष्ट हो गई थी। जिसमें कैप्टन फ्रेड्रिक वेल्स थे। यही पर इनकी कब्र बनी हुई हैं। इस मज़ार के ऊपर एक पत्थर भी लगा हुआ है, जिस पर कैप्टन का नाम मौत की तारीख लिखी हुई हैं। हिंदू-मुस्लिम दोनो समुदाय के लोग यहाँ पर आकर मुराद मांगते हैं।

क्यो चढ़ाई जाती हैं सिगरेट-

बताया जाता हैं कि कैप्टन फ्रेड्रिक वेल्स शराब के शौकीन थे। जिसकी वजह से इस मजार पर आने वाला हर शख्स अगरबत्ती और चादर के बजाए कैप्टन बाबा को खुश करने के लिए सिगरेट चढ़ाता हैं। यहाँ कि एक मान्यता हैं कि सिगरेट चढ़ाने वाले ज्यादातर प्रेमी जोड़े होते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि इस मजार पर सिगरेट चढ़ाने से प्रेमी या प्रेमिका को खोया हुआ प्यार मिल जाता हैं।