UP News: उत्तर पुलिस द्वारा आज लखनऊ में व्हेल मछली की उल्टी की तरस्करी करने वाले लोगो को गिरफ्तार किया गया हैं। आपको बता दे कि 5 सितंबर को एक गैंग के चार सदस्यों को 4.12 किलो एंबरगेरिस के साथ पकड़ा. एंबरगेरिस दरअसल व्हेल की उल्टी होती है। व्हेल की उल्टी में ऐसी क्या बात है जो ये इतनी महंगी है। और इसको रखना गैरकानूनी होता है। वैसे तो आपके रोजाना के जीवन में व्हेल की उल्टी कहीं ना कहीं शामिल भी रहती है। ये सुनकर आपको हैरानी होगी लेकिन ये बात सच हैं।

यूपी पुलिस द्वारा पकड़ी गयी व्हेल मछली की उल्टी कीमत-

व्हेल मछली के उल्टी की कीमत बहुत ही ज्यादा होती हैं। उत्तर प्रदेश में केवल 4.12 किलो ही व्हेल मछली की उल्टी पकड़ी गयी हैं। जिसकी कीमत 10 करोड़ रूपये हैं। इसका इस्तेमाल दरअसल परफ्यूम और कई तरह की चीजों में होता है.। ये आमतौर पर समुद्र तट पर मिल जाती है। विदेशों में इसको बेचकर लोग करोड़पति बन जाते हैं। व्हेल मछली उल्टी करे और वो उसके ठोस रूप को हासिल करके बाजार में बेच दें। अक्सर समुद्र तट पर आने वाली व्हेल ऐसे अपशिष्ट को निकालती हैं लेकिन अक्सर वो इसे समुद्र के पानी में ज्यादा निकालती हैं, जो पानी के साथ बह जाती हैं।

कैसे पहचानी जाती हैं व्हेल मछली की उल्टी की-

ये देखने में गोबर जैसी काले रंग की मलनुमा होती है लेकिन धीरे धीरे पत्थर की तरह ठोस हो जाती है और आकार प्रकार में थोड़ा भारी और बड़ी होती है। इससे आने वाली सुंगध ये बताती है कि ये बहुमूल्य एंबरग्रीस है।

क्यो होती हैं व्हेल मछली की उल्टी इतनी कीमती-

वैज्ञानिक एंबरग्रीस को तैरता सोना भी कहते हैं. इसका वज़न 15 ग्राम से 50 किलो तक हो सकता है। इसका प्रयोग इत्र बनाने में किया जाता हैं, इससे बने इत्र की सुगंध काफी समय तक रहती हैं। शुरूआत में तो एंबरग्रीस की सुंगध अपशिष्ट जैसी होती हैं लेकिन धीरे-धीरे इसकी सुगंध हल्की मीठी होती जाती हैं। प्राचीन मिस्र के लोग इससे अगरबत्ती और धूप बनाया करते थे। वहीं आधुनिक मिस्र में इसका उपयोग सिगरेट को सुगंधित बनाने के लिए किया जाता हैं। इसके अलावा यूरोप में ब्लैक एज (अंधकार युग) के दौरान लोगों का मानना ​​था कि एंबरग्रीस का एक टुकड़ा साथ ले जाने से उन्हें प्लेग रोकने में मदद मिल सकती थी।