Uttar Pradesh: योगी सरकार यूपी को लगातार बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही हैं। इसी प्रयास के चलते उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा को आधुनिक व रोजगारपरक बनाने के लिए विस्तार करने का कार्य किया जा रहा हैं। इसके लिए योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा नीति लाया जाएगा। जिससे पिछड़े व असेवित क्षेत्रों के साथ ही हर जिले में उच्च शिक्षण संस्थान खोले जाएगे। जिसकी वजह से छात्रो को रोजगार के भी विकल्प मिलेंगे। वर्तमान में यूपी में लगभग 7900 उच्च शिक्षण संस्थान हैं। इनमें से 7300 निजी संस्थान हैं। जिसमें कुल 50 विश्वविद्यालयों में से 30 निजी विवि हैं।

शुक्रवार को इस संबंध में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व विशेषज्ञों संग शासन स्तर पर विचार किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक पहले औद्योगिक नीति में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने की व्यवस्था होती थी लेकिन अब इसे अलग से तैयार करने का प्रयास किया जा रहा हैं। युवाओं को बेहतर उच्च शिक्षा देने के लिए निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने की तैयारी की जा रही हैं। ये सारे प्रयास यूपी की अर्थव्यवस्था को दस खरब डॉलर बनाने के लिए किया जा रहा हैं।

प्रदेश में विदेशी विश्वविद्यालयों को भी विस्तार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जहाँ पर एमओयू से लेकर सभी विकल्पों पर चर्चा होगी। छात्रों को पढ़ाई के लिए एक-दूसरे के यहां भेजने के साथ ही विभिन्न विधाओं में दक्ष करने का भी प्रयास किया जाएगा। सरकार इसमें निवेशकों से युवाओं के कौशल विकास व उच्च शिक्षा देने के साथ ही उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की अपेक्षाएं के बारे में बताएगी। पीपीपी मॉडल पर शिक्षण संस्था खोलने के विकल्प पर भी चर्चा की जाएगी। तथा इसके अलावा सरकार निवेशको से पूछेगी कि उनको सरकार से क्या उम्मीदे हैं।

बता दे कि अगर कोई निवेशक प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के लिए संस्थान खोलना चाहता है तो उसे इसके लिए सुविधाएं दी जाएंगी। तकनीकि शिक्षा को भी बढ़वा दिया जाएगा। उच्च शिक्षा नीति में युवाओं को औद्योगिक जरूरतों के अनुसार काबिल बनाने पर कार्य किया जाएगा। जिसकी वजह से युवा आगे चलकर अपना बिजनेस खोल सके या आसानी से उन्हें रोजगार मिल सके। इसके लिए विषय विशेष का प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को खोला जाएगा।