UP Politics ; योगीआदित्यनाथ के चाहने पर भी शिवपाल यादव नहीं शामिल होगे बीजेपी में जानिये क्या हैं, इसके पीछे की वजह
UP Poliitcs; शिवपाल यादव नहीं होगे बीजेपी में शामिल, फिर से अलापने लगे सपा का राग
UP Politics; शिवपाल यादव फिलहाल बीजेपी (BJP) में नहीं जाएंगे, सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह जरूर चाहते थे कि शिवपाल यादव पार्टी में शामिल हो जाए, लेकिन बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करना चाहता है।
शिवपाल यादव के बीजेपी में ना शामिल होने की वजह-
उत्तरप्रदेश; खबरो की माने तो शिवपाल यादव बीजेपी नहीं शामिल होगें। ऐसा इसलिए कहा जा रहा हैं,क्योकि की आगामी उपचुनाव में आजमगढ़ से बीजेपी निरहुआ को ही अपना प्रत्याशी बनाएगी। जिससे साफ जाहिर हो चुका हैं, कि बीजेपी शिवपाल यादव को पार्टी में शामिल नहीं करेगी।और ये भी हो सकता हैं कि शिवपाल यादव बीजेपी से अलग रहकर ही अखिलेश यादव का ज्यादा नुकसान कर सके। ऐसे में शिवपाल यादव अब लगता है की एक बार फिर अपने पुराने संबंधों को जोड़ने में जुट गए हैं।
कुछ दिनो से यूपी में शिवपाल यादव के बीजेपी में शामिल होने की खबरे तुल पकड़ी हुई थी। शिवपाल यादव यूपी सीएम योगीआदित्यनाथ से मिलने भी गये थे। लेकिन अब इन खबरो पर ब्रेक लग गयी हैं। क्योकि जिस तरह से शिवपाल यादव इस समय सपा के खिलाफ दिये गये अपने ही बयानो को गोल-मोल घुमाने में लगे हुए हैं। उसको मद्देनजर रखते हुए यही कहा जा सकता हैं, कि वो सपा का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल नहीं होगें।
अखिलेश यादव ने कहा वो शिवपाल के साथ हैं-
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब उनके चाचा शिवपाल यादव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होने कहा कि अगर हमारे चाचा को बीजेपी लेना चाहती है तो देर क्यों कर रही है? उन्होंने कहा "मुझे चाचा जी से कोई नाराजगी नहीं है। उनको पार्टी से नहीं निकला गया हैं। वो अभी भी सपा का ही हिस्सा है। और आगे ऐसा लगता भी नहीं हैं कि वो बीजेपी का हिस्सा बन पायेगे। क्योकि बीजेपी उन्हें पार्टी में शामिल करने में कोई उत्सुकता नहीं दिखा रही है। लेकिन बीजेपी ये अच्छे से बता सकती है कि वे क्यों खुश नहीं हैं।
अखिलेश यादव के इस बयान को शिवपाल यादव ने गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि हालहि में जीते 111 विधायको में से मैं एक हूँ। अगर वो मुझे बीजेपी में शामिल कराना चाहते हैं, तो पार्टी से निकाल दे। ऐसा कहा जा रहा हैं, कि शिवपाल यादव भले ही बीजेपी का हिस्सा ना बने लेकिन उनके और अखिलेश यादव के बीच तकरार कभी-भी कम नहीं होगी।