Uttar Pradesh: लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा एक अनोखी पहल की शुरूआत की गई हैं बता दे कि जो लोग पुजारी बनना चाहते हैं या जिनकी रूचि हैं, इन सबमें उनके लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी ने ट्रेनिंग की शुरूआत की हैं। जहाँ पर मंदिर में पूजा कैसे की जाती है? पूजा की विधि क्या होती है? शंख कैसे बजाते हैं? पूजा कितने घंटे होती है और मंत्रों का उच्चारण कैसे करते हैं ये सब सीखाया जाएगा। यही नहीं पुजारी के तौर पर मंदिरो में प्लेसमेंट भी मिलेगी।

बता दे कि नई शिक्षा नीति के तहत ओरिएंटल संस्कृत विभाग ने वोकेशनल कोर्स तैयार किया गया हैं। और इसका नाम अर्चक प्रशिक्षण दिया गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय में वाणिज्य, कला, विज्ञान और विधि संकाय के फोर्थ सेमेस्टर में पहुंच चुके किसी भी जाति और किसी भी धर्म के बच्चे इस वोकेशनल कोर्स के ज़रिये पुजारी बन सकते हैं। इस कोर्स में छात्र व छात्राऐं दोनो ही पार्टिशिपेट कर सकते हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले चुके छात्रो-छात्राओं को उनकी इच्छा के अनुसार फ्री में शिक्षा दी जाएगी।

एक समेस्टर में यह एक पेपर की तरह होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि इस कोर्स की शुरूआत इसलिए की गई हैं क्योकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने एक भाषण में इस बात कि चर्चा की थी कि मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति पर चर्चा की थी, जिसके बाद ही नई शिक्षा नीति के तहत इस फैसले को लिया गया हैं।

कैसे करे इसके लिए अप्लाई-

यदि आप पुजारी बनने के लिए इस इच्छा रखते हैं तो आपको इस तरह इस कोर्स में एडमिशऩ मिलेगा।

  • सबसे पहले आपको यूनिवर्सिटी में एनरोल छात्र होना ज़रूरी है।
  • इसके बाद किसी भी कोर्स के छात्र को संस्कृत विभाग से एक फॉर्म लेकर भरना होगा।
  • इसके बाद इसे डीन स्टूडेंट वेलफेयर डिपार्टमेंट में जमा करना होगा।
  • अंत में इस पर मुहर लगने के बाद छात्र या छात्राएं यह प्रशिक्षण ले सकेंगे।