Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रामचरित मानस की प्रतियाँ जलाई जाने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता समेत 10 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई हैं। इनके खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने का केस दर्ज किया गया हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 नामजद और अन्य लोगो के खिलाफ केस दर्ज किया गया हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा महेंद्र प्रताप यादव, देवेंद्र यादव, यशपाल सिंह लोधी, एसएस यादव, सुजीत, नरेश सिंह, सलीम और संतोष वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया हैं।

रविवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा सड़कों पर उतर आया हैं। ओबीसी महासभा ने पीजीआई के वृंदावन योजना में रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाकर इस मामले को और ज्यादा हवा दे दी हैं। ओबीसी महासभा के इस कदम के खिलाफ लोगो ने काफी नाराजगी जताई हैं।

तो वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान पर कायम रहने की बात की हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसके लिए ट्वीटर पर ट्वीट भी किया हैं।जिसमें उन्होने लिखा हैं कि-"धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ो व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा। जिस तरह कुत्तो के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।"

तो वही अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव ने कहा हैं कि- रामचरितमानस में जो भी आपत्तिजनक टिप्पणियाँ नारी सशक्तिकरण के खिलाफ,शूद्रों या फिर दलित समाज पर और ओबीसी के खिलाफ हैं, इन्हे रामचरितमानस से निकलावना चाहते हैं, तभई ये विरोध प्रदर्शन शाँत होगा, नहीं तो ये प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा। "