UP News, Raksha Bandhan 2022: आज पूरा भारतवर्ष रक्षाबंधन का पावन पर्व मना रहा हैं,लेकिन क्या आपको पता हैं कि भारत में एक ऐसा गाँव हैं, जहाँ पर आज के दिन रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता हैं। इस दिन बहने अपने भाइयो को राखी नहीं बांधती हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मुरादनगर में स्थित है सुराना गांव में बहने रक्षाबंधन के दिन अपने भाईयो की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं। उनका कहना हैं, कि इस दिन राखी बांधना अपशगुन होता हैं।

क्यो नहीं मनाया जाता हैं सुराना गाँव में रक्षाबंधन-

आज भाई-बहन के प्यार और उनके बीच के रिश्ते को मजबूत करने वाला त्यौहार हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं, कि गाजियाबाद के पास मुरादनगर में स्थित सुराना गाँव में रहने वाली बहने आज के दिन अपने भाई के कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं। उनका कहना हैं, कि ऐसा करना अपशगुन हैं, बहुत पहले से ये परम्परा चली आ रही हैं। जिन लोगो ने इस परम्परा को तोड़ कर इस दिन अपने भाई को राखी बांधने की कोशिश की हैं। उनके परिवार में किसी मृत्यु हो गयी या पूरे परिवार की तबियत खराब हो गयी। इसी को ध्यान में रखते हुए यहाँ के बूढ़े-बुजुर्ग गाँव की नई पीढ़ी को रक्षाबंधन वाले दिन राखी बांधने से मना करते हैं।

सुराना गाँव में रक्षाबंधन वाले दिन राखी ना बांधने की परम्परा इतिहास के पन्नो से जुड़ा हुआ हैं। यहाँ के लोग इस दिन को काला दिन के रूप में मनाते हैं। इस दिन पूरा का पूरा गाँव तबाह हो गया था।

सुराना गाँव का इतिहास-

ऐसा कहा जाता हैं, कि यूपी में स्थित गांव सुराना में सैकड़ों साल पहले राजस्थान से आए पृथ्वीराज चौहान के वंशज सोन सिंह ने हिंडन नदी के किनारे अपना ठिकाना बसाया था। जिसका पता मोहम्मद गोरी को लग गया था। जिसके बाद मोहम्मद गोरी ने रक्षाबंधन वाले दिन ही पूरे गांव की जनता पर हाथियों से हमला करवा दिया था। हाथियों के पैर के तले कुचले जाने से देखते ही देखते पूरा गांव खत्म हो गया था। उस दिन के बाद से ही सुराना गांव वासी इस दिन को काला दिन के रूप में मनाते हैं।