Uttar Pradesh: आपने अक्सर भारत में कई मंदिरो के बारे में सुना होगा। जिनका एक अपना अलग ही महत्व हैं, जिनके पीछे की कहानी अपने आप में ही उनकी शक्तियों या मान्यताओं के बारे में बताती हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मंदिर हैं। जिसके विषय में मान्यता हैं कि यहाँ पर आने वाले कुवारे युवक-युवतियों की शादी का योग बन जाता हैं। भारत में विवाह संस्कार सबसे महत्वपूर्ण संस्कारो में से एक हैं। और बहुत से युवक-युवतियों की शादी होने में बहुत-सी बधाऐं आती हैं। किसी के लिए योग्य वर नहीं मिलता तो किसी को वधु तो वहीं किसी की उम्र ज्यादा हो जाने की वजह से उनकी शादी में देरी होती हैं।

ऐसे में ही प्रयागराज में स्थित अलोपी बाग स्थित माँ अलोप संकरी मंदिर हैं, जहाँ पर प्रतिदिन लोगो की लम्बी कतार लगी रहती हैं। वैसे तो माँ यहाँ पर भक्तो के हर प्रकार के कष्ट को हरती हैं लेकिन कहा जाता है कि कुवारो के दुख माँ के दर्शन मात्र से ही दूर हो जाते हैं। यहाँ पर ये मान्यता हैं कि जिन युवक-युवतियों का विवाह ना हो रहा हो वो माता के दर्शन कर ले, दर्शन मात्र से ही विवाह का योग बन जाता हैं।

देश के कोने-कोने से वर व वधु पक्ष के लोग यहाँ आते हैं। लड़की या लड़के को देखने कहा जाता हैं कि यहाँ पर वर व वधु के बीच 99 फीसदी बात माता की कृपा से बन जाती हैं। माँ अलोपशंकरी के शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता हैं। मान्यता हैं कि यहाँ माँ सति के दाहिने हाथ का पंजा एक कुंड में गिरकर लुप्त हो गया था। यह माता के शक्तिपीठ में एक माना जाता हैं। इस मंदिर की खास बात हैं कि यहाँ पर कोई मूर्ति नहीं हैं। एक चबूतरा बना हुआ हैं, जिसके ऊपर खास झूला या पालना बनाया गया हैं। लाल रंग के कपड़े से ढका हुआ हैं। यहाँ के कुंड के जल को चमत्कारी माना जाता हैं। यहाँ की मान्यता हैं, कि कलाई पर रक्षासूत्र बाँधकर मन्नत मांगने से सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं। और हाथ में धागा बांधे रहने तक माता उनकी रक्षा करती हैं। नवरात्रि में माता के स्वरूपो का पाठ होता हैं।