UP Nagar Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया हैं। जिसके तहत ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया था। जिसके खिलाफ योगी सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट का गेट खटखटाया हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का मार्ग प्रशस्त करते हुए आदेश दिया था कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाए और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और किसी प्रकार का आरक्षण नहीं दिया जाएगा। तो वहीं उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि चुनाव 31 जनवरी, 2023 तक कराए जाने चाहिए।

जिसके बाद योगी सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट का गेट खटखटाया-

यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने के लिए योगी सरकार ने 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया हैं। इस टीम आयोग काअध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को नियुक्त किया गया हैं। तो वहीं आयोग के सदस्यों के रूप में महेंद्र कुमार, चोब सिंह वर्मा, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी को शामिल किया गया हैं। सरकार की ओर से गठित ये आयोग मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट करेगी।

बताया जा रहा हैं कि आयोग के सर्वे में कम से कम ५ से ६ महीनो का समय लग सकता हैं। जिसकी वजह से यूपी निकाय चुनाव में देरी हो सकती हैं। इसके पीछे की वजह हो सकती हैं यूपी में फरवरी माह में होने वाला ग्लोबल सबमिट जिसका मुख्य लक्ष्य दूसरे देशो से यूपी में निवेश का बढ़वा देना व रोजगार उपलब्ध काराना हैं। इसके अलावा यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 भी फरवरी से मार्च माह तक आयोजित कराई जा सकती हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का गेट खटखटाया हैं ताकि जनवरी माह में होने वाला चुनाव को आगे बढ़ाया जा सके।