Collector Power: कलेक्टर के पास कितनी पॉवर होती हैं, जानिए इनके अंडर में कौन-कौन काम करता हैं

कलेक्टर के काम-;

Update: 2023-06-27 12:12 GMT

Collector Power : एक शहर में एक कलेक्टर सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता हैं। इसके पास कानून व्यवस्था को लेकर काफी पॉवर होता हैं। बताया जाता हैं, कि अगर किसी जिले में सबसे पावरफुल शख्स कोई हैं, तो वो उस जिले का कलेक्टर होता हैं। उस जिले के कलेक्टर के पास कई सारी जिम्मेदारियाँ होने के साथ ही साथ काफी पॉवर होता हैं। जिसके जरिए वो अपनी सारी जिम्मेदारियो को पूरा करता हैं। इन जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए कलेक्टर कई ऑर्डर देता हैं। कई परमिशन देता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि एक कलेक्टर के पास क्या-क्या पॉवर होता हैं। और एक कलेक्टर का जिले में क्या-क्या काम कर सकता हैं, जानिए

कलेक्टर के काम-

प्रशासन के काम को देखना-

कलेक्टर का काम महत्वपूर्ण होता हैं। कि वो जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का काम करता हैं। और इसके लिए उठाए गए कदम कलेक्टर की परमिशन पर होते हैं। इसके अलावा जिले में लैंड रेवेन्यु का उच्च अधिकारी भी कलेक्टर होता हैं। जो रेवेन्यु से जुड़े सभी फैसले लेता हैं। और इसके साथ ही कलेक्टर के पास फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट जितने अधिकार होते हैं।

विकास कार्य को देखना-

कलेक्टर जिले में होने वाले विकास प्लान को भी निर्देशित करता हैं। जब भी कोई विकास कार्य होते हैं या फिर कोई स्कीम आती हैं, तो कलेक्टर उस पर अहम परमिशन देने का कार्य करता हैं।

प्रोटोकॉल को फॉलो कराना-

कलेक्टर जिले में सवैंधानिक पद पर बैठे उच्च अधिकारी होता हैं। तो उसके पास सिक्योरिटी व प्रोटोकॉल की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती हैं। अगर किसी नेता की रैली होती हैं तो वो भी कलेक्टर की परमिशन से लेकर उसकी जम्मेदारी का काम कलेक्टर का होता हैं। िम

लोक सुरक्षा का कार्य देखना-

कानून, ऑर्डर, पब्लिक सिक्योरिटी का ध्यान कलेक्टर की तरफ से रखा जाता हैं। कलेक्टर जिले में शांति बनाए रखने का कार्य करता हैं व अगर जरूरत पड़े तो कर्फ्यू आदि का फैसला भी कलेक्टर की तरफ से किया जाता हैं।

डिजास्टर मैनेजमेंट का कार्य-

कलेक्टर का कार्य होता हैं, जब भी जिले में कोई बाढ़, भूकंप जैसी कोई प्राकृतिक आपदा आती हैं, तो उस स्थिति में कलेक्टर ही सभी राहत कार्य के लिए जिम्मेदार होता हैं, वो डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी का चेयरमैन भी होता हैं व सुनिश्चित करता हैं कि हर व्यक्ति तक राहत कार्य पहुँचे।

रेवेन्यु से जुड़ा कार्य-

कलेक्टर रेवेन्यु एडमिनिस्ट्रेशन का हेड होता हैं और उनकी जिम्मेदारी हैंड रेवेन्यु व सरकारी बकाया वसूलने का कार्य होता हैं। इसके अलावा रेवेन्यु से जुड़े बड़े डिसिजन भी कलेक्टर की तरफ से लिया जाता हैं।

डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग का कार्य-

कलेक्टर की तरफ से ही डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग की जाती हैं क्योकि वो डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग काउंसिल का हेड होता हैं व 5 साल के लिए प्लान बनाता हैं।

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