Indian Constitution : भारतीय संविधान जब बन रहा था तब उस समय कुल 389 सदस्य थे। जो अलग-अलग क्षेत्रो से संबंध रखते थे। जिसमें 15 महिलाऐं भी शामिल थी। बता दे कि ये कवियत्री, लेखिका व बुद्धिजीवी से लेकर समाजिक कार्यकर्ता रही हैं। चलिए आज हम आपको इन 15 महिलाओं के बारे में बताते हैं। जिन्होने भारत के संविधान के निर्माण के समय अपना योगदान दिया। वो 15 महिलाऐं जिनका संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं।
- कमला चौधरी लखनऊ से थीं। इन्होने 1930 में महात्मा गाँधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया था।
- लीला रॉय असम से थी। उन्होने शिक्षा के लिए देशभर में कार्य किया। खासकर महिलाओं की शिक्षा के लिए
- अम्मू स्वामीनाथन का नाम सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं, ये समाजिक आंदोलन में काफी सक्रिय रही हैं। इन्होने वीमेंस इंडिया एसोसिएशन का गठन किया था।
- दक्षायनी वेलायुथन का ताल्लुक कोच्चि की थी। संविधान सभा में इनकी उपस्थिति एकमात्र अनुसूचित जाति की महिला के रूप में थी। इन्होने दलित महिलाओं के लिए कार्य किया था।
- बेगम एजाज रसूल भी एक मात्र मुस्लिम अल्पसंख्यक महिला थी। इन्होने अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए अपना विचार रखा।
- हंसा जीवराज मेहता गुजरात से थी। ये एक समाजशास्त्री व पत्रकार थी।
- दुर्गाबाई देशमुख का ताल्लुक आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र से था। मात्र 12 साल की उम्र में इन्होने असहयोग अंदोलन में हिस्सा लिया था।
- मालती चौधरी का ताल्लुक पूर्वी बंगाल से था। इन्होने नमक कानून में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
- राजकुमारी अमृत कौर इनका संबध स्वास्थ्य सेवाओं में था। ये देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री रही हैं।
- रेणुका रे एक अर्थशास्त्री थी। जिन्होने बंगाल में महिलाओं के अधिकार के साथ-साथ समान नागरिक संहिता के लिए आवाज उठाया था।
- सरोजिनी नायडू हैदराबाद से थी। इनको कौन नहीं जानता हैं ये प्रसिद्ध कवियत्री थी। जिन्हें 'नाइटेंगिल ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता था।
- एनी मसकैरिनी का संबंध केरल से था। ये स्वंतत्रा की लड़ाई के लिए कई बार जेल की भी यात्रा कर चुकी थी।
- सुचेता कृपलानी को भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। इनका संबंध अंबाला से था।
- विजयलक्ष्मी सहगल पं. जवाहर लाल नेहरू की बहन थी। ये पहली महिला कैबिनेट मंत्री भी थी।