तहसीलदार व पटवारी में क्या अंतर होता हैं व किसके पास ज्यादा पॉवर होती हैं, जानिए

पटवारी व तहसीलदार में अंतर-;

Update: 2023-09-15 09:16 GMT

Tehsildar Vs Patwari: तहसीलदार (Tehsildar ) और पटवारी (Patwari) दोनों सरकार में प्रशासनिक पद हैं। लेकिन दोनो के कार्य अलग-अलग होते हैं। उनकी भूमिकाएं व जिम्मेदारियाँ भी अलग-अलग होती हैं। एक तहसीलदार एक तहसील का प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी होता है, जो भारत में एक जिले का एक सब डिवीजन हैं। तहसीलदार अपने अधिकार क्षेत्र में भूमि रिकॉर्ड व राजस्व संग्रह को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं। उनके पास विवादों को सुलझाने व जुर्माना लगाने की पावर होती हैं। तो वहीं पटवारी एक ग्राम-स्तरीय राजस्व अधिकारी होता हैं। जो किसी विशेष गाँव में भूमि रिकॉर्ड व राजस्व संग्रह को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता हैं। दोनो ही अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पटवारी व तहसीलदार में अंतर-

तहसीलदार-

तहसीलदार एक राजस्व अधिकारी होता हैं, जो एक तहसील या सब डिस्ट्रिक्ट के समग्र प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता हैं। वे कानून व व्यवस्था बनाए रखने, विवादों को सुलझाने व राजस्व संबंधी गतिविधियों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं। वे राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन के बीच कड़ी का काम करते हैं। तहसीलदार अपने संबंधित क्षेत्रों में राजस्व संग्रह, भूमि रिकॉर्ड व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी होते हैं। ये अपने क्षेत्र में पटवारी के काम की निगरानी भी करते हैं।

पटवारी-

पटवारी एक विलेज अकाउंटेंट होता हैं, जो एक गाँव या गांवो के समूह में भूमि रिकॉर्ड को बनाए रखने व अपडेट करने के लिए जिम्मेदार होता हैं। वे भू-राजस्व के संग्रह, भूमि अभिलेखों के रख-रखाव व उन्हें नियमित रूप से अपडेट करने के लिए जिम्मेदार हैं। वे भूमि-विवाद भी सुलझाते हैं, भूमि मापते हैं और फसल की पैदावार का रिकॉर्ड बनाए रखते हैं। पटवारी अपने संबंधित क्षेत्रों के भू-नक्शों को बनाए रखने व यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि सभी भूमि लेनदेन सहीं ढ़ग से दर्ज किया गया हैं।

तहसीलदार व पटवारी में किसके पास ज्याद पॉवर-

बता दे कि सामान्य तौर पर तहसीलदारों के पास पटवारियों की तुलना में अधिक जिम्मेदारियाँ व शक्तियाँ होती हैं क्योकि वे एक बड़े क्षेत्र के लिए जिम्मेदार होते हैं और उनके पास अधिक प्रशासनिक कर्तव्य होते हैं। हालांकि दोनो पद भारत में भूमि व राजस्व के प्रशासन व प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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