Knowledge: वजन नापने के लिए सवा, पौना व ढ़ाई का मतलब क्या होता हैं, जानिए
सवा किलो का मतलब-;
Knowledge: भारत में किसी भी हिंदी बेल्ट के किसी भई लोकल बाजार में अगर सामान खरीदने आप जाएंगे तो पाएंगे कि वहाँ दुकानदार व ग्राहक दोनों समान खरीदते समय सवा, पौना व ढ़ाई जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। ये शब्द वजन किसी सामान के एक खास वजन को दर्शाते हैं। बता दे कि बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें इन शब्दों का मतलब नहीं पता हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वजन में ये किस भार को दर्शाते हैं।
सवा किलो का मतलब-
सवा को गणित की भाषा में एक चौथाई कहते हैं। इसका प्रयोग तब किया जाता हैं। जब किसी पूर्ण संख्या में उसके भार का एक चौथाई हिस्सा व जोड़ना पड़ता हैं। यदि आपसे कहा जाए कि बाजार में आते समय सवा किलो कोई समान लेते आना तो इसका अर्थ हुआ कि एक चौथाई यानी 250 ग्राम लेते आना, ग्राम में इसे देखें तो 1250 ग्राम को सवा किलो कहते हैं। तो वहीं अगर सिर्फ 250 ग्राम सामान लेते हैं। तो इसे पाव के रूप में गिना जाता हैं।
पौने किलो का मतलब-
पौने किलो का मतलब सवा किलो का उल्टा होता हैं। यानी जहाँ वहाँ पूर्ण संख्या में उसके भार का एक चौथाई जोडना था। तो वहीं यहाँ पूर्ण संख्या में उसके भार का एक चौथाई घटा देना हैं। जैसे किसी ने कहा कि बाजार से पौने किलो ले आना कोई समान, जिसका अर्थ होता हैं कि 750 ग्राम लड्डू लेकर घर जाएंगे। यानि एक किलो में से 250 ग्राम कम होता हैं।
ढ़ाई किलो का मतलब-
ढ़ाई किलो का अर्थ होता हैं दो किलो में एकस्ट्रा आधा किलो यानी 500 ग्राम जैसे अगर आपसे कोई कहे कि कोई सामान ढ़ाई किलो लेते आना तो इसका अर्थ हैं कि सामने वाला आपसे कह रहा हैं कि आपको कुल 2500 ग्राम सामान घर लेकर जाना हैं। यानी दो किलो व 500 ग्राम हैं।