महात्मा गाँधी जी मृत्यु का वो रहस्य जिससे हर कोई हैं अजान, आज भी पूछे जाते सवाल
Mahatma Gandhi Death Anniversary: 70 साल पहले आज के ही दिन 35 वर्षीय नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी के शरीर में 15 मिनट में 3 गोलियाँ दाग दी थी। जिसके तुरंत बाद नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को वहां मौजूद मिलिट्री के जवानों ने पकड़ लिया और उससे उसकी पिस्तल छीन ली और वहाँ मौजूद भीड़ ने गोडसे की पिटाई करनी शुरू कर दी। जिसके बाद वहाँ मौजूद पुलिस ने उसे तुगलग रोड से थाने ले जाते हुए एफआईआर दर्ज कर लिया।
गाँधी जी की हत्या के बाद इसकी जाँच की जिम्मेदारी जमशेद दोराब नागरवाला (Jamshed Dorab Nagarvala) सौप दी गयी थी। बता दे कि महात्मा गाँधी के प्रपौत्र तुषार गांधी (Tushar Gandhi) अपनी किताब 'लेट्स किल गांधी' (Let's Kill Gandhi) में लिखा कि जमशेद दोराब को इसलिए इस मामले की जाँच की जिम्मेदारी सौपी गई थी। क्योकि ना तो वो हिंदू था और ना ही मुस्मिल एक न्यूट्रल कमेटी का था।
लेकिन गाँधी जी की हत्या के आरोप में जब नाथूराम गोडसे से पूछा गया तब उसने बताया था कि उसने गाँधी जी को तीन गोलियाँ मारी थी। लेकिन जाँच की माने तो गाँधी जी के शरीर पर चार गोलिया लगी थी। तो वहीं मौजूद एक विदेशी पत्रकार का कहना था कि चार गोलियाँ चली थी। गाँधी जी को जिस पिस्टल से मारा था। वो बैरेटा पिस्टल थी। जिसका निर्माण इटली की कंपनी द्वारा किया गया था। यह पिस्टल इटली सेना को सप्लाई किया जाता हैंं। गोडसे के हाथ वो पिस्टल कहाँ से आई ये भी ये एक रहस्य हैं। गाँधी जी की हत्या के बाद एक स्पेशल कोट का गठन किया गया था।
गाँधी जी की हत्या के प्रयास में एक बार पहले भी गोडसे को गिरफ्तार किया गया था।लेकिन गिरफ्तारी के दो दिन बाद ही वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने गोडसे को जमानत पर छोड़ दिया । ये भी एक रहस्य ही हैं।
इसके अलावा गाँधी जी की मृत्यु के बाद दोषियों के ऊपर कानूनी कार्यवाही चलाई गई लेकिन गाँधी जी के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। बीजेपी नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने इस पर एक बार सवाल भी उठाया था। गाँधी जी की हत्या से जुड़े ऐसे ही बहुत से राज हैं जिसपर से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया हैं।