UNSC CTC Meeting: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की तरफ से इस बार एक आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाया गया हैं। आपको बता दे कि आतंकवाद पर लगाम लगाने को लेकर रणनीति बनाने के लिए यूएनएससी की ओर से सीटीसी की बैठक आयोजित की गयी हैं। ये बैठक इस बार भारत में होने वाली हैं इसलिए ये बैठक भारत के लिए काफी खास हैं।
यूएनएससी सीटीसी क्या हैं-
यूएनएससी सीटीसी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से शुरू की गई एक ऐसी योजना हैं। जिसका काम आतंकवाद को खत्म करना हैं। इसका पूरा नाम आतंकवाद निरोधक समिति है, जिसे अंग्रेजी में Counter-Terrorism Committee (CTC) कहा जाता हैं। इसकी शुरुआत 28 सितंबर 2001 को की गई थी। इस सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चैप्टर VII के अनुसार, सुरक्षा परिषद ने संयुक्त राष्ट्र के देशों में आतंकवाद विरोधी उपायो को लागू करने का संकल्प लिया गया हैं। यह कमेटी आतंकवाद को खत्म करने के लिए अलग-अलग उपाय पर कार्य करती हैं।
सीटीसी हर देश से मिलने वाली रिपोर्ट की जांच करती है और उनकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर उसका विश्लेषण करते हुए आतंक प्रभावित क्षेत्रो की जाँच करती हैं। तथा उनकी पहचान करके वहाँ पर आतंकवाद खत्म कर सुधार लाने का प्रयास करती हैं।
भारत में सीटीसी की मीटिंग कितनी बार हुई हैं-
सीटीसी की मीटिंग कई देशो में हो चुकी हैं। इस बार यह मीटिंग भारत में होगी। 28 अक्टूबर और 29 अक्टूबर को मुंबई और दिल्ली में यह बैठक होगी। तथा 28 अक्टूबर को मुंबई के ताज महल पैलेस में यह मीटिंग होगी और उसके बाद अगले दिन दिल्ली में बैठक होगी। भारत में सीटीसी की मीटिंग पहली बार होगी।
बैठक की शुरुआत 26/11 के पीड़ितों को श्रद्धांजलि और मौन के साथ शुरू होगी। इस बार इसकी थीम थीम आतंकवाद के लिए इस्तेमाल हो रही नई और उभरती टेक्नोलॉजी का मुकाबला करना रखा गया हैं। सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के लिए हो रहे इंटरनेट के इस्तेमाल, आंतकवाद के लिए हो रहे ड्रोन के इस्तेमाल और आतंकवाद के लिए हो रहे न्यू पेमेंट टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर रोक कैसे लगाया जाएगा। इसको लेकर बातचीत करेगे।
क्यो ये मीटिंग हैं भारत के लिए खास-
ये मीटिंग भारत के लिए इसलिए भी और खास बन जाती हैं क्योकि इस मीटिंग में भारत में हो रही आतंकवादी गतिविधियों को विश्व पटल पर रखा जाएगा और भारत की समस्याएं विश्व के सामने आएंगी और जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा। इस बार ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली भारत पर आएंगे। इस मीटिंग में भारतीय मूल के ऋषि सुनक जोकि पीएम बने हैं वो भी हिस्सा लेगे। जिससे आसार लगाए जा रहे हैं कि इससे भारत व ब्रिट्रेन के रिश्तो में सुधार होगा।