यूपी का एक ऐसा स्कूल जहाँ छात्रो को वेदपाठ का ज्ञान कराया जाता हैं, गुरूकुल की तरह

Update: 2023-02-02 07:06 GMT

 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज भी एक ऐसा स्कूल हैं, जहाँ पर पढ़ने वाले छात्र वेदपाठ पढ़ते हैं।जहाँ टेक्नेलॉजी की दुनिया में दूसरे बच्चे मोबाइल फोन पर वीडियो गेम व कार्टून देखने में अपना समय व्यतित करते हैं। तो वहीं प्रयागराज के दारागंज इलाके में स्थापित इस गुरुकुल में 300 से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। जहाँ पर आठ साल तक से लेकर बच्चे वेदपाठ की शिक्षा लेते हैं। तथा सनातन धर्म के ध्वज को बुलंदियों पर पहुँचाने का काम करते हैं। 

यह विद्यालय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगभग 70 वर्षो से संचालित हैं। यहाँ पर आठ वर्ष तक के बच्चो को वेदपाठ का ज्ञान दिया जाता हैं। वहां के पूर्व प्राचार्य का कहना हैं कि हम कितने भी आधुनिक युग में आ जाए लेकिन हमारी संस्कृति को जानने के लिए मूल से शुरूआत करना चाहिए। और ये मूल ज्ञान हमें वेद पाठ से ही मिलता हैं। इस पाठशाला में आठ साल से लेकर 12 वर्ष तक के बटुक मौजूद हैं।

जिनको प्रातःकाल चार बजे उठा दिया जाता हैं। इसके बाद स्नानादि करके आरती व कीर्तन में जुट जाते हैं। प्राचीन काल में जैसे गुरूकुल में विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती थी। वैसे ही यहाँ पर छात्रो को सिखाया जाता हैं। यहाँ के प्रत्येक छात्र धोती-कुर्ता पहनते हैं। तथा माँथे पर तिलक लगाते हैं। सिर पर चुटिया रखना होता हैं। और हर माह इनका मुंडन होता हैं। पाँच वर्ष तक इनको गुरुकुल के इन परम्पराओं का पालन करना होता हैं। 

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