भारत में माता का एक ऐसा भी मंदिर हैं, जहाँ पर औरतो का जाना वर्जित हैं, जानिए इसके बारे में

Update: 2022-10-04 12:37 GMT

Navaratri 2022: नवरात्री का महीना सबसे पावन महीनो में से एक हैं ऐसा कहा जाता हैं कि इन दिनो देवी दुर्गा नौ रूपो में नौ दिनो के लिए अपने भक्तो के घर पधारती हैं। और उनकी प्रेम पूर्व व पूर्ण ऋद्धा के साथ भक्तगण पूजा करते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं कि भारत में एक ऐसा मंदिर भी जहाँ पर औरतो का जाना वर्जित हैं। 


छत्तीसगढ़ की बात कर रहे हैं यहाँ पर वैसे तो बहुत से मंदिर हैं जहाँ माता रानी की पूजा होती हैं। लेकिन एक ऐसा मंदिर भी हैं जहाँ पर स्त्रियों का जाना वर्जित हैं। छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से 36 किमी दूर नेशनल हाईवे-30 पर मिर्री टोला (पुरुर) गांव स्थित मावली माता हैं। आपको बता दे कि यहाँ पर स्थापित आदि शक्ति मावली माता को अंगार मोती की बड़ी बहन कहा जाता हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि माता के दर्शन मात्र से ही भक्तो की सारी मनोकामना पूरी होती हैं। इसलिए दूर-दूर से भक्तगण इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए आते हैं। 

मावली माता का इतिहास-

मंदिर समिति और पुजारी की माने तो यह मावली माता मंदिर वर्षों पुराना है। जिस स्थान में माता मावली का मंदिर स्थित है, वहां सदियों पहले घनघोर जंगल था। पुजारी को एक बार सपने में भूगर्भ से निकली माता मावली दिखाई दी और माता ने उस पुजारी से कहा था कि वह अभी तक कुंवारी हैं। यही वजह हैं कि यहाँ पर केवल पुरूष ही माता के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में सिर्फ चैत्र की नवरात्र में मनोकामना की ज्योत जलाई जाती हैं. वहीं अश्वनि माह की नवरात्र में सिर्फ पूजा पाठ किया जाता हैं। 

यह मंदिर 200 सौ साल पुराना कहा जाता हैं कि मंदिर में केवल 10 से 12 वर्ष तक की ही बालिकाऐं प्रवेश कर सकती हैं। जिस दिन माँ की ज्योत जलाई जाती हैं उस दिन 5 से 9 वर्ष तक की कन्याओं को भोज कराया जाता हैं। 

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