Suicide Prevention: देश में लगातार आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसे देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों के लिए सुसाइड प्रिवेंशन गाइडलाइन इश्यू की है। इसका उद्देश्य हर एक बच्चे की सुरक्षा हैं और इसी के अनुसार मोटो एवरी चाइल्ड मैटर्स रखा गया हैं। इसके तहत स्कूलों में वेलनेस टीम का सेटअप किया जाएगा। इसके साथ ही और भी कई नियमों का पालन करवाया जाएगा। इस गाइडलाइन का टाइटल उम्मीद रखा गया हैं व हर एक लेटर का अलग मतलब हैं।

UMEED का क्या मतलब हैं-

मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन द्वारा जारी गाइडलाइन तो वही मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन द्वारा जारी गाइडलाइन उम्मीद का अर्थ हैं

U – Understand – समझना

M – Motivate – प्रोत्साहित करना

M – Manage – संभालना

E – Empathise – सहानुभूति

E – Empower – सशक्त

D – Develop – विकसित

स्कूलों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे स्थिति के प्रति संवेदनशील रहें तथा इसके साथ ही अंडरस्टैंडिंग हों और सेल्फ हार्म के केस में जल्दी से जल्दी समस्या सुलझाने के लिए रिपोर्ट करें। यहां वेलनेस सेंटर भी बनाए जाएंगे।

इसके अंतर्गत स्कूलों के कहा गया हैं कि अगर किसी बच्चे में वार्निंग साइन दिखें तो उस पर एक्ट करें। रिस्क फैक्टर्स देखें व सुसाइड को लेकर फैले भर्म व अफवाहों से दूर रहे। छात्रों की इस समस्या से जुड़े हर प्रश्न का जवाब दे।

गाइडलाइन में ये भी कहा गया हैं कि सुसाइड रोकना एक कलेक्टिव मेजर हैं। जिसे स्कूल, माता-पिता व कम्यूनिटी को मिलकर उठाना होगा। इसके तहत बच्चों की फीलिंग्स को समझना उनके एक्शन व व्यवहार को देखना (अगर उसमें कोई रिस्क दिखता हैं, तो) और कुछ संदेहास्पद दिखाई तो उस पर एक्शन लेना जैसी चीजे सम्मलित हैं।

गाइडलाइन में कहा गया हैं कि छात्रोंं में स्ट्रस क्यों हो रहा हैं इस बात का पता लगाएं जैसे उन पर एकेडमिक प्रेशर तो नहीं हैं, वे परिवार, दोस्तों या किसी के भी द्वारा बुली तो नहीं किए जाते हैं। उनके किसी नजदीकी का देहांत तो नहीं हुआ हैं। वे कांपटीटिव एग्जाम में अच्छा करने के प्रेशर में तो नहीं हैं, आदि